हर्ड मेंटलिटी क्या है? शेयर बाजार में भीड़ की सोच कैसे नुकसान देती है?

हर्ड मेंटलिटी शेयर बाजार में एक आम मानसिकता है, जहां लोग भीड़ का अनुसरण कर निवेश करते हैं। यह लेख बताता है कि कैसे Newton, Mark Twain और .com बबल जैसी घटनाएं इससे प्रभावित हुईं। Rajasheth के अंदाज़ में, यह पोस्ट सिखाती है — सोचो, समझो, फिर निवेश करो!

Edited By: Samip अप्रैल 23, 2025 at 7:19 PM

हम में से कई लोग निवेश करने के समय दूसरों की सलाह, ट्रेंड या किसी “हॉट टिप” पर फैसले लेते हैं। यही है हर्ड मेंटलिटी जब कोई निवेशक अपनी बुद्धि के बजाय भीड़ का पीछा करता है।

शेयर बाजार में हर्ड मेंटलिटी का प्रभाव इतना गहरा होता है कि कई बार ये बुलबुले (bubbles) और फिर क्रैश (crash) की वजह बन जाती है।

हर्ड मेंटलिटी कैसे काम करती है?

जब लोग देखते हैं कि बाकी लोग किसी स्टॉक को खरीद रहे हैं, तो वे मान लेते हैं कि जरूर उसमें कुछ खास है। वे डरते हैं कि कहीं मौका न छूट जाए (FOMO – Fear of Missing Out)। इस डर से वे भी निवेश कर बैठते हैं, चाहे कंपनी की असल वैल्यू या भविष्य की ग्रोथ कुछ भी हो।

धीरे-धीरे ये एक ऐसा चक्र बन जाता है जहां स्टॉक्स की कीमतें बिना मजबूत आधार के बढ़ती जाती हैं — और अंत में जब सच्चाई सामने आती है, तो बाजार क्रैश कर जाता है।

इतिहास से कुछ प्रसिद्ध उदाहरण

1. Sir Isaac Newton और South Sea Bubble (1720)


कौन नहीं जानता Sir Isaac Newton को — गुरुत्वाकर्षण के खोजी और विज्ञान के जीनियस। लेकिन जब बात आई शेयर बाजार की, तो वे भी हर्ड मेंटलिटी के शिकार हो गए।

South Sea Company के शेयरों में 1720 में जबरदस्त उछाल हुआ। Newton ने पहले प्रॉफिट कमाया, लेकिन जब और तेजी दिखाई तो फिर से निवेश कर दिया — और जब बबल फटा, तो उन्होंने करीब 20,000 पाउंड खो दिए।

उनका प्रसिद्ध वाक्य था:


“I can calculate the motion of heavenly bodies, but not the madness of people.”

2. Mark Twain और Comstock Silver Boom (1860s)

Mark Twain (वास्तविक नाम Samuel Clemens) नेवादा की सिल्वर बूम में बह गए। Comstock Lode की खोज ने सिल्वर माइनिंग कंपनियों में धमाकेदार निवेश किया।

Twain ने भी कई कंपनियों में निवेश किया — बस इसलिए कि “हर कोई कर रहा था।” लेकिन अधिकतर कंपनियां सिर्फ हवा में ही थीं। जब बूम टूट गया, Twain को भारी नुकसान हुआ।

3. डॉट-कॉम बबल (1995–2000)

1990 के दशक के आखिर में इंटरनेट टेक्नोलॉजी के स्टॉक्स में जोरदार उछाल आ गया। कंपनियों के नाम में .com होना ही काफी था स्टॉक की कीमत बढ़ाने के लिए — चाहे उनके पास प्रॉपर बिज़नेस मॉडल हो या नहीं।

लोगों ने बिना सोच-समझे ऐसी कंपनियों में निवेश करना शुरू कर दिया। Yahoo, Pets.com, Webvan जैसी कंपनियों के शेयर आकाश छूने लगे।

नतीजा: 2000 में बबल फूट गया। NASDAQ इंडेक्स 78% तक गिरा। अरबों डॉलर का नुकसान हुआ, और हजारों कंपनियां बंद हो गईं।

इससे क्या सीखें?

  • सिर्फ इसलिए निवेश न करें कि “सब कर रहे हैं”।
  • हर स्टॉक की फंडामेंटल जांच करें: कंपनी की आय, ग्रोथ, डेब्ट, और बिजनेस मॉडल को समझें।
  • भावनाओं की बजाय लॉजिक से काम लें।
  • FOMO से बचें — निवेश में “धीमी और स्थिर” सोच लंबे समय में ज्यादा फायदेमंद होती है।

निष्कर्ष

चाहे Newton हों, Twain हों या 2000 की डॉट-कॉम बबल — हर्ड मेंटलिटी किसी को नहीं छोड़ती।
अगर आप शेयर बाजार में सफल होना चाहते हैं, तो भीड़ से अलग सोचिए।

Rajasheth Reading Book and thinking

RajaSheth की लर्निंग — “भेड़ बनो, पर दिमाग वाला!”


राजाशेठ की यह सॉलिड लर्निंग है भैया —
“बाजार में भेड़ बनकर दौड़ना है तो कम से कम GPS वाला दिमाग लगाओ!”
South Sea हो या Silver Boom, या फिर.com वाला pain — अगर बिना सोचे-समझे सिर्फ देखादेखी करोगे, तो profit की जगह सिर्फ regret मिलेगा।

तो अगली बार जब कोई बोले “भाई सब खरीद रहे हैं, तू भी ले ले!” —
राजाशेठ की आवाज़ याद रखना:
“सब कर रहे हैं तो तू शादी भी कर लेगा? पहले रिसर्च कर, फिर निवेश कर!”😎📈

Financial Disclaimer : मैं SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) द्वारा पंजीकृत वित्तीय सलाहकार नहीं हूं। यहां दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और जानकारीपूर्ण उद्देश्यों के लिए है। निवेश से संबंधित किसी भी निर्णय को लेने से पहले कृपया अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें। किसी भी प्रकार के निवेश में जोखिम शामिल होता है, और आप अपनी व्यक्तिगत वित्तीय स्थिति और जोखिम सहने की क्षमता को ध्यान में रखते हुए निर्णय लें। इस जानकारी के आधार पर लिए गए निर्णयों के लिए मैं किसी भी प्रकार की ज़िम्मेदारी नहीं लेता हूं।